फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट, नरम पड़कर 6.58 फीसदी रही - GRAMEEN SANDESH

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फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट, नरम पड़कर 6.58 फीसदी रही


 


खाद्य कीमतों में नरमी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में धीमी पड़कर 6.58 फीसदी पर आ गई। सरकार ने इस संबंध में गुरुवार को आंकड़े जारी किए। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी 2020 में 7.59 फीसदी थी। जबकि फरवरी 2019 में यह आंकड़ा 2.57 फीसदी था।


 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2020 में खाद्य क्षेत्र की महंगाई घटकर 10.81 फीसदी रही जो जनवरी में 13.63 फीसदी थी। रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को तय करने में खुदरा मुद्रास्फीति एक अहम कारक होता है। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार फीसदी से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है।

जनवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर दो फीसदी

देश की औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर जनवरी में बढ़कर दो फीसदी पर पहुंच गई। एक साल पहले इसी महीने में यह 1.6 फीसदी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन की वजह से औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि की रफ्तार सुस्त बनी हुई है।

आंकड़ों के अनुसार जनवरी में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 1.5 फीसदी बढ़ा। एक साल पहले समान महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 1.3 फीसदी थी। इसी तरह बिजली उत्पादन 3.1 फीसदी बढ़ा। जनवरी, 2019 में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 0.9 फीसदी बढ़ा था।

जनवरी, 2020 में खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 4.4 फीसदी रही। एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 3.8 फीसदी बढ़ा था। चालू वित्त वर्ष के पहले दस माह (अप्रैल, 2019 से जनवरी, 2020) के दौरान औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 0.5 फीसदी पर आ गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन 4.4 फीसदी बढ़ा था।


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