प्रमोशन में आरक्षण को लेकर राज्य कर्मचारियों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार ने फिर से अपील की है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कर्मचारी संगठनों को पत्र लिखा है। जिसमें कोरोनावायरस संक्रमण से निपटने और विभागीय बजट की तैयारियों का हवाला दिया गया है।
कर्मचारियों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए ‘नो वर्क नो पे’ का आदेश बेअसर होने के बाद मुख्य सचिव ने बुधवार को फिर से अपील पत्र जारी किया। मुख्य सचिव ने लिखा है कि कोरोनावायरस विश्व स्तर पर आपदा की तरह फैल रहा है। देश में भी हर दिन संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। यह अलग बात है कि उत्तराखंड में करोना का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सरकार अपने स्तर पर इससे बचाव और रोकथाम के युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है।
केंद्रीय गृह सचिव एवं मंत्रिमंडल सचिव के स्तर से लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की जा रही है। इसी को लेकर भारत सरकार के अपर सचिव ने देहरादून आकर तैयारियों का जायजा भी लिया है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को बचाव एवं रोकथाम कार्यों के लिए जुटना होगा, लेकिन आंदोलन के चलते तैयारियां प्रभावित हो रही हैं।
इसके अलावा विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा चरण 25 मार्च से भराड़ीसैंण में चलना है। उन्होंने लिखा है कि विभागों को परफार्मेंस बजट और आउटकम बजट तैयार कर सदन में रखना है। इसी के साथ वित्तीय वर्ष में विभागों के खर्च का अंतिम समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। मार्च महीने में खर्च संबंधित कई कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करना है। ऐसे में कई कर्मचारियों के आंदोलन पर होने से प्रदेश में चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। मुख्य सचिव ने अपील की है कि ऐसे समय में राज्य हित में कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से आंदोलन वापस लेना चाहिए।
कर्मचारियों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए ‘नो वर्क नो पे’ का आदेश बेअसर होने के बाद मुख्य सचिव ने बुधवार को फिर से अपील पत्र जारी किया। मुख्य सचिव ने लिखा है कि कोरोनावायरस विश्व स्तर पर आपदा की तरह फैल रहा है। देश में भी हर दिन संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। यह अलग बात है कि उत्तराखंड में करोना का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सरकार अपने स्तर पर इससे बचाव और रोकथाम के युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है।
केंद्रीय गृह सचिव एवं मंत्रिमंडल सचिव के स्तर से लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की जा रही है। इसी को लेकर भारत सरकार के अपर सचिव ने देहरादून आकर तैयारियों का जायजा भी लिया है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को बचाव एवं रोकथाम कार्यों के लिए जुटना होगा, लेकिन आंदोलन के चलते तैयारियां प्रभावित हो रही हैं।
इसके अलावा विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा चरण 25 मार्च से भराड़ीसैंण में चलना है। उन्होंने लिखा है कि विभागों को परफार्मेंस बजट और आउटकम बजट तैयार कर सदन में रखना है। इसी के साथ वित्तीय वर्ष में विभागों के खर्च का अंतिम समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। मार्च महीने में खर्च संबंधित कई कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करना है। ऐसे में कई कर्मचारियों के आंदोलन पर होने से प्रदेश में चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। मुख्य सचिव ने अपील की है कि ऐसे समय में राज्य हित में कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से आंदोलन वापस लेना चाहिए।
सरकार पर अवमानना का केस करेगी जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन प्रदेश सरकार पर अवमानना का केस करेगी। इसके लिए एसोसिएशन की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में एक अवमानना याचिका दाखिल की जाएगी। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने बुधवार को यह एलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद भी प्रमोशन पर से रोक न हटाकर न सिर्फ कर्मचारियों का अहित कर रही है बल्कि न्यायालय की अवमानना भी कर रही है।
हड़ताल पर नहीं लगी रोक, हड़ताली कर्मियों में भरा जोश
जनरल ओबीसी कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल पर रोक लगाने का फैसला उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार के विवेक पर छोड़ा है। हड़ताल पर कोर्ट से रोक का फैसला न आने से हड़ताली कर्मचारी खासे उत्साहित नजर आए। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने इसे जनरल ओबीसी कर्मचारियों के संघर्ष की जीत बताया।
कर्मचारी करेंगे कार्य बहिष्कार, संघ व परिसंघ रहेंगे तटस्थ
प्रमोशन में आरक्षण के विरोध में चल रही बेमियादी हड़ताल में बृहस्पतिवार से आवश्यक सेवाओं से जुड़े जनरल ओबीसी कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर सकते हैं। स्वास्थ्य, बिजली, पानी, नगर, रोडवेज से जुड़े कर्मचारी महासंघ व उनमें शामिल संघ-परिसंघ तटस्थ रहेंगे। इन अति आवश्यक सेवाओं से जुड़े संगठनों ने बेमियादी हड़ताल को अपना नैतिक समर्थन दिया है। कुछ संगठनों के खुलकर हड़ताल में शामिल होने की घोषणा के अलावा कुछ संगठनों ने निर्णय कर्मचारियों पर छोड़ दिया है।
22 मार्च को फिर होगा सीएम आवास कूच
एसोसिएशन ने 22 मार्च को एक बार फिर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास तक रैली निकालने का फैसला किया है। सभी जनरल ओबीसी कर्मचारी अपने अपने घरों के आसपास की कॉलोनियों और मोहल्लों में लोगों को आरक्षण को लेकर जागरूक करेंगे और उन्हें आंदोलन में शामिल करेंगे। इसके तहत 14 व 15 मार्च को अवकाश के दिन इसकी शुरुआत की जाएगी।
15 मार्च को अपराह्न तीन बजे सभी जिलों में कर्मचारी जिला इकाई के निर्धारित मार्ग के अनुसार दोपहिया वाहन रैली निकालेंगे। 17 मार्च को सभी कर्मचारी अपने अपने परिवार के सदस्यों के साथ धरना स्थल पर जाकर धरना देंगे।
हड़ताल पर नहीं लगी रोक, हड़ताली कर्मियों में भरा जोश
जनरल ओबीसी कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल पर रोक लगाने का फैसला उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार के विवेक पर छोड़ा है। हड़ताल पर कोर्ट से रोक का फैसला न आने से हड़ताली कर्मचारी खासे उत्साहित नजर आए। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने इसे जनरल ओबीसी कर्मचारियों के संघर्ष की जीत बताया।
कर्मचारी करेंगे कार्य बहिष्कार, संघ व परिसंघ रहेंगे तटस्थ
प्रमोशन में आरक्षण के विरोध में चल रही बेमियादी हड़ताल में बृहस्पतिवार से आवश्यक सेवाओं से जुड़े जनरल ओबीसी कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर सकते हैं। स्वास्थ्य, बिजली, पानी, नगर, रोडवेज से जुड़े कर्मचारी महासंघ व उनमें शामिल संघ-परिसंघ तटस्थ रहेंगे। इन अति आवश्यक सेवाओं से जुड़े संगठनों ने बेमियादी हड़ताल को अपना नैतिक समर्थन दिया है। कुछ संगठनों के खुलकर हड़ताल में शामिल होने की घोषणा के अलावा कुछ संगठनों ने निर्णय कर्मचारियों पर छोड़ दिया है।
22 मार्च को फिर होगा सीएम आवास कूच
एसोसिएशन ने 22 मार्च को एक बार फिर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास तक रैली निकालने का फैसला किया है। सभी जनरल ओबीसी कर्मचारी अपने अपने घरों के आसपास की कॉलोनियों और मोहल्लों में लोगों को आरक्षण को लेकर जागरूक करेंगे और उन्हें आंदोलन में शामिल करेंगे। इसके तहत 14 व 15 मार्च को अवकाश के दिन इसकी शुरुआत की जाएगी।
15 मार्च को अपराह्न तीन बजे सभी जिलों में कर्मचारी जिला इकाई के निर्धारित मार्ग के अनुसार दोपहिया वाहन रैली निकालेंगे। 17 मार्च को सभी कर्मचारी अपने अपने परिवार के सदस्यों के साथ धरना स्थल पर जाकर धरना देंगे।