स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल रितु छाबड़ा की गोलियां मारकर हत्या करने वाले 12वीं कक्षा के छात्र शिवांश को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया। मामला हरियाणा के यमुनानगर जिले की थापर कॉलोनी का था। 25 फरवरी को शिवांश को दोषी करार दिया गया था। जबकि आर्म्स एक्ट में उसके पिता रणजीत उर्फ संजय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।
16 लोगों की हुई गवाही, एक गवाह बयान से मुकरा
करीब दो साल तक चली सुनवाई के दौरान केस में कुल 16 लोगों की गवाही हुई। इनमें स्कूल चौकीदार, टीचर समेत अन्य स्टाफ और भागते समय छात्र को पकड़ने वाले व्यक्ति शामिल रहे। लेकिन भागते समय छात्र को पकड़ने वाला गवाह कोर्ट में बयान से मुकर गया था। जब पीड़ित पक्ष के वकील ने कोर्ट में उसे छात्र के पकड़ने की फोटो और वीडियो दिखाई तो उसने कहा था कि फोटो में वही है। इसके अलावा सभी ने प्रिंसिपल के पक्ष में बयान दिए।
खूब वायरल हुआ था शिवांश का 18वें च मुंडा बदनाम हो गया डबिंग गाना
शिवांश बॉलीबुड में हीरो बनने की चाहत रखता था। प्रिंसिपल की हत्या करने से मात्र दस दिन पहले ही वह बालिग यानि 18 साल का हुआ था। 10 जनवरी 2018 को उसके 18वें जन्मदिन पर उसके पिता ने उसे बुलेट तोहफे में दी थी। इस दौरान उसने पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख का 18वें च मुंडा बदनाम हो गया गाने की डबिंग वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। प्रिंसिपल मर्डर के बाद शिवांश का यह वीडियो खूब वायरल हुआ था।
ये था मामला
स्कूल पहुंचकर वह अर्थशास्त्र की प्रोजेक्ट फाइल लेकर शिवांश प्रिंसिपल रितु छाबड़ा के ऑफिस में घुस गया। यहां प्रिंसिपल ने उसकी प्रोजेक्ट फाइल लेने से मना कर दिया। इसके बाद वह वापस लौटने लगा, लेकिन ऑफिस के दरवाजे पर जाकर वापस मुड़कर उसने प्रिंसिपल पर ताबड़तोड़ चार फायर किए।
एक गोली रितु छाबड़ा की छाती, एक माथे और दो गोलियां बाजू में लगी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद छात्र मौके से फरार हो गया। करीब सौ मीटर दूर जीएनजी स्कूल के नजदीक कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया था और उसकी पिटाई भी की थी। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया था।
पुलिस ने मामले में आरोपी छात्र शिवांश के खिलाफ हत्या और उसके पिता रणजीत उर्फ संजीव के खिलाफ आर्म्स एक्ट का केस दर्ज करके दोनों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया था कि छात्र को प्रिंसिपल आवारागर्दी करने पर डांटती थी। यह बात उसे अच्छी नहीं लगती थी। इसलिए उसने प्रिंसिपल को गोलियां मारी थी।