अवैध खनन में फंसे वाहनों के लिए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा जारी जुर्माना संबंधी आदेश में बड़ा संशोधन किया गया है। संशोधन के बाद जुर्माना राशि में लाखों रुपये की कटौती की गई है। हरियाणा सरकार ने इस संदर्भ में एनजीटी से जुर्माने में राहत देने की अपील की थी, जिसे एनजीटी से स्वीकृति मिलने के बाद प्रदेश सरकार इस बाबत राज्य में नए संशोधन आदेश जारी कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार इन दिनों अवैध खनन को लेकर खासी गंभीर है।
अवैध खनन में फंसी गाड़ियों, मशीनों व उपकरणों को धड़ाधड़ जब्त भी किया जा रहा है। आज भी प्रदेश के थाने व चौकियों में एक हजार से ज्यादा जब्त वाहन व उपकरण खड़े हैं। लेकिन यही वाहन अब खनन व पुलिस विभाग के लिए बड़ी सिरदर्दी बने हुए हैं। चूंकि इन वाहनों पर अभी तक एनजीटी के पूर्व जुर्माना आदेशों के तहत कार्रवाई होनी थी। एनजीटी के 5 अप्रैल 2019 के जुर्माना संबंधी आदेशों के चलते अवैध खनन में फंसे वाहनों, मशीनों व उपकरणों को उनकी शोरूम वैल्यू का 50 प्रतिशत वसूलकर ही छोड़ा जाना था।
उदाहरणतया यदि किसी वाहन, खोदक मशीन(जेसीबी, पॉकलेन इत्यादि) व अन्य उपकरण की शोरूम कीमत 25 लाख रुपये हैं। तो वाहन, मशीन व उपकरण मालिक को कीमत का 50 फीसद यानी 12.50 लाख रुपये बतौर जुर्माना जमा करवाना पडे़गा, तभी वाहनों व मशीन को छोड़ा जाएगा। ये जुर्माना प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाने की एवज में वसूला जाएगा।
जब्त वाहन खड़ा की समस्या भी पैदा हो रही
अब इस हिसाब से देना पड़ेगा जुर्माना
- अवैध खनन में पकड़ा वाहन, खोदक मशीन व उपकरण की शोरूम वैल्यू यदि 25 लाख है और वह 5 साल पुराना है तो जुर्माना 4 लाख रुपये लगेगा
- वाहन, मशीन व उपकरण की शोरूम वैल्यू यदि 25 लाख से ज्यादा है और वह 10 साल पुराना है तो जुर्माना 3 लाख रुपये लगेगा
- वाहन, मशीन व उपकरण यदि 10 साल पुराना तो है, मगर उक्त दोनों श्रेणियों में नहीं आता, तो उसे जुर्माना 2 लाख रुपये लगेगा।
पुराना आदेश भी वजूद में रहेगा
प्रदेश सरकार के आग्रह पर एनजीटी ने भले ही जुर्माना राशि को लेकर मोडिफाई आर्डर जारी कर दिया है। मगर इसमें भी इस बात को साफ कर दिया है कि यदि पहले अवैध खनन में फंस चुका वाहन, मशीन व उपकरण दोबारा पकड़ा गया तो उस पर पूर्व आदेशों के तहत ही जुर्माना ठोका जाएगा। यानी उस मालिक से वाहन, मशीन व उपकरणा की शोरूम वैल्यू का 50 फीसद राशि बतौर जुर्माना वसूली जाएगी।