पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी कयासों पर विराम लगाते हुए सोमवार को साफ कर दिया कि वे राज्य के आगामी विधानसभा में जरूर लड़ेंगे। अपनी सरकार के गठन की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का हलके-फुलके अंदाज में जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मैं अभी भी जवान हूं। आप क्या सोचते हो कि चुनाव लड़ने के लिए मैं बूढ़ा हो गया?’
पार्टी विधायक नवजोत सिंह सिद्धू की मौजूदा भूमिका और रुतबे को लेकर पूछे जाने पर कैप्टन ने कहा कि पूर्व मंत्री कांग्रेस पार्टी और टीम का हिस्सा हैं और किसी भी फैसले पर हम उनकी इच्छाओं पर विचार करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सिद्धू को उस समय से जानते हैं, जब वह सिर्फ दो वर्ष के थे और उनका सिद्धू से कोई निजी मसला नहीं है।
सिद्धू द्वारा पंजाब से संबंधित मसले प्रांतीय लीडरशिप के समक्ष उठाने की बजाय पार्टी की केंद्रीय लीडरशिप के पास उठाने संबंधी एक सवाल के जवाब में कैप्टन ने कहा कि वह पार्टी में किसी से कोई भी मुद्दा विचारने का स्वागत करते हैं। मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम को वहां का अंदरूनी मसला बताते हुए कैप्टन ने कहा कि इस मामले पर कांग्रेस की केंद्रीय लीडरशिप ही कोई टिप्पणी कर सकती है, उनका अधिकार क्षेत्र पंजाब तक सीमित है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा दी जा रही बिजली सब्सिडी को अरविंद केजरीवाल का नाटक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी की कोई तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि वहां से सरकार को न तो किसानों पर खर्च करना पड़ता है और न ही पुलिस पर। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने क्रॉस सब्सिडी के जरिये बिजली की घरेलू दरें घटा दीं, जबकि पंजाब सरकार पहले ही दिल्ली की अपेक्षा अधिक बिजली सब्सिडी दे रही है।