सुप्रीम कोर्ट एक अप्रैल से रोजमर्रा के काम काज के लिए याचिकाएं और शपथपत्रों को ए4 आकार के कागजों में ही स्वीकार करेगा। यह कदम कामकाज में एकरूपता और पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए उठाया गया है।
चीफ जस्टिस एसए बोवडे गत 14 जनवरी को पहले ही यह आदेश दे चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री, दोनों तरफ से छपे ए4 साइज के कागज का प्रयोग आंतरिक पत्राचार के स्तर पर करे। गत पांच मार्च को जारी सर्कलुर में कहा गया है कि आगामी एक अप्रैल से यह आदेश लागू हो जाएगा।
इस सर्कुलर में कहा गया है कि सभी संबंद्धों की जानकारी के लिए यह अधिसूचित किया जाता है कि सक्षम प्राधिकारी को यह निर्देश देते हुए प्रसन्नता हो रही है कि कागज के उपयोग और उसमें हुई छपाई में एकरूपता लाने और कागज का इस्तेमाल न्यूनतम करने तथा पर्यावरण बचाने के लिये ए4 आकार के बेहतरीन कागज का ही इस्तेमाल किया जाएगा।
यह सर्कुलर शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल संजीव एस कालगांवकर के माध्यम से जारी किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि अब एडवोकेट ऑन रिकार्ड को सारे संदेश ई मेल और एसएमएस के माध्यम से ही भेजे जाएंगे तथा रजिस्ट्री कागज पर मुद्रित ऐसी जानकारी भेजने की परिपाटी खत्म कर रही है।
इससे पहले, 26 जनवरी से प्रभावी एक अन्य सर्कुलर में सभी से कागज के इस्तेमाल में मितव्यता बरतने का अनुरोध करते हुए कहा गया था कि ऐसा कागज उच्च कोटि का होना चाहिए और इसके दोनों ओर स्पष्ट छपाई होनी चाहिए। इस समय, देश की अदालतों में न्यायिक कामकाज के लिये ए4 से बड़े साइज के अदालती कागज का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है।