गांधी जी के सपनो का भारत बनाना होगा :- डॉ. देवेन्द्र विश्वकर्मा




जबलपुर 02-10-2023 :- महात्मा गाँधी शोध पीठ (एसएसएमडब्ल्यूए), रेडियंट कॉलेज, सोशल साईंस एण्ड मैनेजमेंट वेलफेयर एसोसिएशन, युवा आर्थिक परिषद एवं स्वदेशी रिसर्च फाउण्डेशन के द्वारा विकास का महात्मा गाँधी मॉडल विषय पर ऑनलाइन राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया था। जिसमें मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में प्रो. एन. आर. भानुमूर्ति-कुलपति डॉ. अम्बेडकर स्कूल ऑफ अर्थशास्त्र विश्वविद्यालय, बेंगलुरू, कर्नाटका ने संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी केवल देश को स्वतंत्र कराने के प्रति समर्पित नहीं थे बल्कि उन्होने भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाली अर्थव्यवस्था का भी विचार दिया था एवं आत्मनिर्भर भारत के लिए वैश्विक सोच एवं स्थानीय किर्यान्वयन पर बल दिया। मुख्य वक्ता के रूप में जगन्नाथ विश्वविद्यालय जयपुर के पूर्व कुलपति प्रो. मदन मोहन गोयल ने बताया कि वैश्वीकरण सदा जीवन, उच्च विचार, अहिंसा एवं भगवत गीता की सर्वकालीन प्रासंगिकता को अपनाकर ही गाँधी जी के सपनो का भारत बन सकता है। सेमीनार को संबोधित करते हुए सोशल साईंस एण्ड मैनेजमेंट वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव डॉ. देवेन्द्र विश्वकर्मा ने महात्मा गांधी के अंत्योदय को ध्यान में रखते हुए सभी के लिए रोजगार के अवसर, भारत के लिए भारतीय मॉडल, पर्यावरण सरंक्षण, ग्राम स्वराज्य, जल, जंगल, जमीन एवं सतत् विकास के माध्यम से अमृत काल में भारत निर्माण एक भारत, श्रेष्ठ भारत के रूप में करने पर जोर देते हुए कहा कि हमें गांधी जी के सपनो का भारत बनाना होगा। नितिन बसेड़िया ने बताया तकनीकी शिक्षा की पहुँच सभी को साथ ही तकनीकी के प्रयोग के माध्यम से सभी के लिए शिक्षा की व्यवस्था उच्चकोटि से की जा सकती है। डॉ. महेश विश्वकर्मा ने गांधी जी द्वारा सभी को श्रम करने, श्रम का महत्व, स्वास्थ, पंचायती राज, लघु एवं कुटीर उद्योग की प्राथमिकता, कृषि सुधार, पशुपालन एवं राष्ट्रीय भावना का जागरण, जातिवाद से समाज को टूटने से बचाने एवं रोजगार परक शिक्षा, सभी को अपने आस पास सफाई एवं पौधा रोपण की जिम्मेदारी लेने पर बल देते हुए अपना विषय रखा। डॉ.नरेन्द्र कुमार कोष्टी ने आर्गेनिक कृषि, कृषि आधारित अर्थव्यवस्था, आदर्श गांव, कौशल विकास के माध्यम से विकास पर बल देते हुए अपना विषय रखा। सेमीनार का संचालन डॉ. प्रवीण कुमार झा-संयोजक एवं ब्रजेश उइके के द्वारा किया गया। सेमीनार में 112 प्रतिभागियों ने भाग लिया। सेमीनार में बेस्ट पेपर एवं बेस्ट पेपर प्रजेंटेशन का आवार्ड भी दिया गया। सेमीनार में आये शोध पत्रों का प्रकाशन राष्ट्रीय शोध जर्नल में किया गया।



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