धान उपार्जन केन्द्रों में पंजीकृत किसानों को उपार्जन कार्य में किसी भी प्रकार की असुविधा नही होना चाहिए- कलेक्टर




उमरिया  । राज्य शासन के निर्देशानुसार उमरिया जिले में 41 धान उपार्जन केंन्द्रों  में 2183 रूपये प्रति क्विटल की दर से एक लाख 20 हजार मीट्रिक टन धान उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । उपार्जन का कार्य पूरी पारदर्शिता एवं शासन व्दारा निर्धारित व्य्ावथायओं के अनुरूप किया जाए। किसानों के उपार्जन केन्द्र पहुंचने पर उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा नही होनी चाहिए, अन्यथा संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के विरूध्द सख्त कार्यवाही की जाएगी । उपार्जन कार्य से जुडे सभी विभागों के अधिकारी पूर्व से ही उपार्जन के दौरान अपनी आवश्यकताओ का आंकलन, बारदानों की उपलब्धता, भण्डारण क्षमता, कम्प्यूटर सिस्टम, बायोमैट्रिक डिवाईस, तौल कांटा, सिलाई मशीन, धान सफाई मशीन, पंखा, छन्ना, बरसात होने पर स्टेटिंग धान को तिरपाल से कव्हर करने की व्यवस्था आदि कर लें । यह निर्देश कलेक्टर बुध्देश कुमार वैद्य ने वर्ष 2023-24 में धान उपार्जन कार्य की समीक्षा के दौरान खाद्य विभाग, सहकारिता, नागरिक आपूर्ति निगम तथा सहकारी समितियों के प्रबंधकों को समीक्षा बैठक के दौरान दिए। बैठक में प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी मीनांक्षी इंगले, जागृति प्रजापति, प्रभा बडकरे, सहायक आयुक्त सहकारिता , जिला प्रबंधक नान, जिला केन्द्रीय सहकारी बैक के नोडल प्रबंधक तथा उपार्जन केन्द्रों के प्रभारी, एन आर एलएम की जिला प्रबंधक एवं स्व सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित थी ।

कलेक्टर ने कहा कि संबंधित अधिकारी स्पष्ट कार्य योजना बनाएं कि किन उपार्जन केन्द्रों  में कितनी धान के उपार्जन की संभावना है। उपार्जित धान के भण्डारण की क्या व्यवस्था है । किन केन्द्रों से किस मिलर को यह भण्डाण केंद्र में किस तिथि तक परिवहन कर दी जाएगी, सभी सर्वेयर एवं आपरेटर को पूर्व से ही प्रशिक्षण दिया जाए तथा पूरी प्रक्रिया का ड्राई रन भी कराया जाए । आपने कहा कि उपार्जन केन्द्रों में किसानों के बैठने के लिए छायादार स्थान, पीने के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था तथा शासन के निर्देशों के फ्लैक्स लगे रहना चाहिए। किसानों व्दारा धान विक्रय हेतु स्लाट बुकिंग की निर्धारित अवधि में ही धान की खरीदी अनिवार्य रूप से की जाए । आपने समिति प्रबंधकों से रासायनिक उर्वरक की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि विगत वर्षाे में रासायनिक उर्वरक की खपत एवं वर्तमान में बुवाई का आंकलन कर पर्याप्त मात्रा में रासायनिक उर्वरक का भण्डारण रखें । जिले में रासायनिक उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है । उन्होंने निर्देश दिए कि जिल में मिलरों के भण्डारण क्षमता , मशीन संचालन आदि का संबंधित अधिकारी भौतिक सत्यापन अनिवार्य रूप से करें । साथ ही जहां स्व सहायता समूह उपार्जन कार्य के लिए आवेदन कर रहे है तथा पूर्व में उपार्जन कार्य से संलग्न रहे हो , को धान उपार्जन का अवसर दिया जाए ।

प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी मीनांक्षी इंगले ने कहा कि उपार्जन केन्द्र में नोडल अधिकारी , गुणवत्ता निरीक्षक, सर्वेयर, उपार्जन प्रबंधक एवं प्रभारी तथा कम्प्यूटर आपरेटर की नेम प्लेेट के साथ बैठक व्यवस्था की जाए । गुणवत्ता के संबंध में किसानों को लिखित जानकारी दी जाए। किसी भी प्रकार की अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित उपार्जन केंद्र के प्रशासक , प्रबंधक तथा अन्य दोषी लोगों के विरूध्द  नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी ।

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