नरवाई न जलाए, मिटटी की उर्वरा शक्ति बढाएं


उमरिया । उप संचालक कृषि खेलावन डेहरिया ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि किसान अपने खेतों में नरवाई नही जलाये और न ही खेतो में आग लगाये। नरवाई जलाने से खेत की उर्वरा शक्ति में कमी आती है।

वर्तमान में खेती में यंत्रीकरण का उपयोग बढने एवं कटाई हेतु कम्बाईन हारवेस्टर ट्रेक्टर रीपर का बडे पैमाने मे उपयोग बढता जा रहा है। किसान द्वारा धान कटाई बाद डंठल यानि नरवाई एवं भूसा खेतो में छोड दिया जाता है जिसको किसान भाई कचरा समझकर आग लगा देते है। नरवाई में आग लगाने से सिर्फ नरवाई ही नही जलती बल्की उसमें जमीन के अंदर उपस्थित सभी सूक्ष्म जीव तापमान बढने से समाप्त हो जाते है परिणाम स्वरूप जली हुई भूमि मृत अवस्था में बदल जाती है जिसमें सजीव होने में कई वर्ष लग जाते है। नरवाई जलाना न सिर्फ किसान के लिये हानिकारक है अपितु प्रकृति पर्यावरण भूमि का प्रदूषण होता है।

किसानो से अपील की गई है कि खेतो में नरवाई बिल्कुल न जलाये तथा मुख्य रूप से नरवाई का उपयोग खाद बनाने में भूसा बनाने में करें, इसके लिये किसान भाई मिटटी पलटने वाले यंत्र का उपयोग कर गहरी जुताई करे। जिससे उपलब्ध नरवाई मिटटी में अच्छी तरह से मिल जाए एवं आगामी समय में कार्बनिक शक्ति बढाने में मददगार साबित हो किसान भाई कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ भूसा मशीन (स्ट्रारीपर) का अवश्य उपयोग करें इससे खेत में बची हुई नरवाई कटकर भूसा में परिवर्तित हो जाती है, स्ट्रारीपर मशीन पर शासन द्वारा 20000 अधिकतम अनुदान दिया जाता है। स्ट्रारीपर चलाने के बाद रोटावेटर चलाकर जुताई करने से जमीन भुरभुरी होकर उसमें एकरूपता आ जाती है। किसान कटाई के बाद हैप्पी सीडर, जीरो टिलेज द्वारा गेहूं की सीधी बुआई कर सकते है जिससे उत्पादन बढने के साथ-साथ समय व श्रम की भी बचत होती है। रीपर हैप्पी सीडर, जीरोट्रिल सीड ड्रिल आदि मशीन कृषि अभियांत्रिकी कार्यालय द्वारा 625 रूपये प्रति घंटे एवं 18 रू. प्रति कि.मी. जाना-आना की दर से किराये पर उपलब्ध है। जिले के या जिले के बाहर से आने वाले कम्बाईन हार्वेस्टर पर शासन द्वारा स्ट्रारीपर मशीन रखना व चलाना अनिवार्य कर दिया गया है। अतः समस्त किसान भाईयों से अपील है कि बिना स्ट्रारीपर मशीन के किसी भी हार्वेस्टर द्वारा अपनी फसल नही कटवायें बिना स्ट्रारीपर के हार्वेस्टर चलते पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जावेगी इसके लिये कलेक्टर उमरिया द्वारा पंचायत सचिव, पटवारी एवं कृषि विभाग के मैदानी अमले को आवश्यक निर्देश दिये गये है।

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