श्री गुरु राम दास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे कोरोनावायरस के तीन संदिग्ध यात्रियों को श्री गुरु नानक देव अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में दाखिल करवा दिया गया है। इनमें से एक ऑस्ट्रेलियन दंपती है। तीसरा यात्री दुबई से अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा था।
मूल रूप से बिहार का रहने वाला सदिंग्ध मरीज दुबई में नौकरी करता है। हवाई अड्डे में थर्मल स्कैनर जांच के बाद उसने बुखार होने की शिकायत थी। अब जीएनडीएच के आइसोलेशन वॉर्ड में कोरोना वायरस के छह संदिग्ध मरीज दाखिल हैं। रविवार को तीनों मरीजों के सैंपल जांच के लिए एम्स भेजे गए। उनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
सिविल सर्जन डॉ. प्रभदीप कौर ने बताया की अस्पताल में दाखिल होशियारपुर निवासी पिता-पुत्र की हालत अब सामान्य है। कोरोना वायरस की चपेट में आए ये दोनों इटली से 4 मार्च को अमृतसर पहुंचे थे। बुखार होने पर इन्हें आइसोलेशन वॉर्ड में दाखिल करवाया गया था। इनके सैंपल एम्स भेजे गए थे जहां कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी।
दोनों का एक सैंपल नेशनल वायरोलॉजी लैब पुणे भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। डॉ. प्रभदीप कौर का कहना है कि कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की पहचान के बारे में मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी जाएगी। उन्होंने मीडिया से अपील की कि वह आइसोलेशन वॉर्ड की तरफ जाने से गुरेज करें।
ड्रग प्रबंधन विभाग की नजर मुनाफाखोर केमिस्टों पर
पन्नू ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध मरीज़ों की पहचान संबंधी प्रकाशित हो रही खबरों के मद्देनजऱ लोगों में यह अंदेशा है कि यह बीमारी अन्य स्थानों पर भी फैल सकती है। पन्नू ने कहा कि ऐसी आशंकाओं के कारण कुछ दवाएं और स्वास्थ्य संबंधी जरूरी वस्तुएं जैसे कि सेनीटाइजर और मास्क बहुत ज़्यादा मांग में हैं और मांग के बढ़ने से, कुछ दवाएं और जरूरी वस्तुओं की अस्थाई / नकली किल्लत सामने आ रही है।
हालात का फ़ायदा उठाकर कुछ केमिस्ट बहुत ज़्यादा कीमत वसूल सकते हैं या जमाखोरी कर सकते हैं। उन्होंने ऐसी स्थिति से बचने के लिए अधिकारियों को अपने क्षेत्रों की केमिस्ट एसोसिएशनों के साथ तालमेल करने और उनको ऐसा न करने से रोकने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कालाबाजारी और जमाखोरी करने वाले केमिस्टों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।