पंजाबः खालसाई जाहो जलाल संग आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला शुरू, छाया कोरोना का साया - GRAMEEN SANDESH

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पंजाबः खालसाई जाहो जलाल संग आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला शुरू, छाया कोरोना का साया


 


निर्मल भेख दोआबा मंडल की तरफ से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्र छाया में और पंज प्यारों के योग्य नेतृत्व में विशाल नगर कीर्तन निकालकर होला मोहल्ला समागमों की आरंभता की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में उमड़ी संगत ने वाहेगुरु का जाप करते हुए बोले सौ निहाल के जयघोष लगाए।


 

स्थानीय चक्क होलगढ़ स्थित डेरा बाबा दलीप सिंह डुमेली से सुबह 11 बजे शुरू हुआ यह नगर कीर्तन अगंमपुर चौक, मेन सड़क, रेलवे रोड, पांच प्यारा पार्क, गुरुद्वारा किला आनंदगढ़ साहिब, नई आबादी, तख्त श्री केसगढ़ साहिब से होता हुआ डेरा बाबा दलीप सिंह में संपन्न हुआ।

डेरे के मुख्य प्रबंधक संत बाबा प्रीतम सिंह डुमेली ने बताया कि डेरे में होला मोहल्ले के तीनों दिन सुबह व शाम को धार्मिक दीवान सजाए जाएंगे जहां पंथ प्रसिद्ध रागी, ढाडी जत्थों की तरफ से गुरबाणी कीर्तन के द्वारा संगत को गुरु चरणों के साथ जोड़ा जाएगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस पवित्र त्यौहार की शुरुआत के मौके पर तख्त श्री केसगढ़ साहिब में अखंड पाठ साहिब की आरंभता की गई।

नगर कीर्तन में महंत स्वामी ज्ञान देव जी प्रमुख निर्मले संप्रदाय, श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जोगिन्द्र सिंह वेदांती, संत प्रीतम सिंह डुमेली, महंत गुरबचन सिंह, संत जसविंदर सिंह कोठारी, महंत तेजा सिंह एमए, महंत सुखवंत सिंह नाहलों, संत हरजिंदर सिंह चाहवाला, महंत नरिंदरजीत सिंह, महंत बलबीर सिंह, संत दर्शन सिंह, संत सहजदीप सिंह, संत साहिब सिंह, संत दिलावर सिंह, संत गुरनाम सिंह, संत गुरनाम सिंह डाली, संत हरिकृष्ण सिंह, महंत मक्खण सिंह, बाबा संतोख सिंह, संत शमशेर सिंह, संत जोगिन्द्र सिंह, संत ओंकार सिंह, महंत भगवंत सिंह, संत बलबीर सिंह, संत स्वर्ण सिंह और अरुणजीत सिंह मौजूद रहे।



अरबी का शब्द है होला मोहल्ला


होला मोहल्ला अरबी का शब्द है। इसका मतलब है, वह स्थान जो जीत कर प्राप्त किया जाए। तीन दिन चलने वाले तक इस पर्व का समापन चरण गंगा स्टेडियम में घुड़दौड़ के बाद किया जाएगा। यह पर्व धार्मिक विचार विमर्श के साथ साथ मार्शल प्रशिक्षण और नकली अभ्यास, सिख समुदाय को मजबूत करने के लिए गुरु गोबिंद सिंह द्वारा शुरू किया गया था।

सफाई के पुख्ता प्रबंध
वहीं इस बार होला मोहल्ला प्लास्टिक मुक्त मनाया जा रहा है। लंगरों में कोरोना वायरस के चलते बर्तन भी पानी में दवाई डाल कर धोए जा रहे हैं। लंगरों में सफाई के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। मास्क लगाकर लंगर बरताया जा रहा है और लोगों को भी सफाई रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

3200 सुरक्षा कर्मियों के हाथ में कमान
प्रशासन की ओर से होला मोहल्ला के दौरान नशीले पदार्थों बीड़ी सिगरेट, भांग इत्यादि बेचने और इस्तेमाल समेत भिखारियों पर पूर्ण पाबंदी लगाई है। तीन दिन तक चलने वाले मेले के दौरान करीब 3200 सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं।

तीन ड्रोन कैमरों की मदद भी ली जा रही है जबकि सीसीटीवी कैमरों की मदद से भी मेला क्षेत्र में नजर रखी जा रही है। पुलिस और सिविल प्रशासन की तरफ से 01887-233015 और 01887-233027 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।



होला मोहल्ला पर भी कोरोना की काली छाया


कोरोना वायरस की दहशत गुरु की नगरी श्री आनंदपुर साहिब में भी दिख रही है। रविवार से श्री आनंदपुर साहिब में शुरू हुए होला मोहल्ला मेले में आने वाली संगत को विभिन्न नाकों पर रोक कर चेकिंग की जा रही है। उपायुक्त रूपनगर विनय बबलानी ने बताया कि एक फरवरी के बाद विदेश से आए श्रद्धालुओं की विशेष जांच की जाएगी। अगर उसमें किसी भी तरह के विशेष लक्षण पाए गए तो उन्हें वापस भेज दिया जाएगा।

उन्होंने होला मोहल्ला मेले में आने वाली संगत से चलते समय एक मीटर की दूरी रखने, ज्यादा समय मेले में न रहने और रात के समय मेला स्थल में न रहने की अपील की है। उन्होंने संगतों से एक दूसरे से हाथ न मिलाने, एक दूसरे से गले न लगने और लंगर का सेवन करने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह धोने और व एक जगह ज्यादा लोगों के जमा न होने की भी अपील की।

उन्होंने बताया कि इन नाकों का उद्देश्य मेले में आने वाली संगत को स्वास्थ्य सेवाओं के साथ साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। प्रशासन द्वारा लगाए गए विशेष नाकों के दौरान श्रद्धालुओं के वाहनों के नंबर और पता नोट किया जा रहा है और इस दौरान तैनात डाक्टरों द्वारा खांसी व जुकाम से पीड़ित व्यक्तियों की विशेष जांच की जा रही है।

उन्होंने बताया कि नंगल और हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना व बिलासपुर से आने वाली संगत की सुविधा के लिए चंडेसर के पास चेक पोस्ट बनाया गया है। यहां सभी श्रद्धालुओं के गहनता से जांच की जा रही है।


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