रोहतकः पीजीआई में इलाज के लिए आया बुखार का मरीज, कोरोना संदिग्ध समझ छोड़ भागे डॉक्टर-नर्स - GRAMEEN SANDESH

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रोहतकः पीजीआई में इलाज के लिए आया बुखार का मरीज, कोरोना संदिग्ध समझ छोड़ भागे डॉक्टर-नर्स


 


नॉवेल कोरोना वायरस वुहान स्टेन (एनसीओवी-2019) को लेकर एक तरफ सरकार, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं तो दूसरी ओर सामान्य बुखार के मरीज को देखकर डॉक्टर-नर्स उपचार करने की बजाए मैदान छोड़ कर भाग रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि असली मरीज सामने आते हैं तो क्या हालात होंगे। आमजन को जागरूक करने के चक्कर में स्वास्थ्य विभाग अपने ही डॉक्टरों व नर्सों को जागरूक करना भूल रहा है।


 

पीजीआईएमएस के आपातकालीन विभाग में रविवार को एक बुखार का मरीज पहुंचा तो मौके पर बैठे डॉक्टर और नर्स बाहर निकल गए। मरीज का उपचार करने की बजाए कमरे से खिसकने वाले डॉक्टरों व नर्सों ने सवाल उठाया कि वह बगैर एन-95 मास्क मरीज की जांच कैसे कर सकते हैं। इससे तो वे स्वयं भी संक्रमित हो सकते हैं। इस पर आपात विभाग में बवाल हुआ और घटना की सूचना अधिकारियों के पास तक पहुंची। अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मरीज को छोड़कर गए डॉक्टर और नर्स वापस आए और मरीज की जांच की।

फिलहाल मरीज को सामान्य बुखार की समस्या मिली है। आशंका है कि मरीज सामान्य बुखार और स्वाइन फ्लू का भी हो सकता है। वहीं मरीज का उपचार छोड़कर जाने वाले डॉक्टरों की रिपोर्ट चेस्ट एंड टीबी के विभागाध्यक्ष को दे दी गई है। इसके अलावा नर्सों की जानकारी उनकी अधिकारी को दी गई है। गौरतलब है कि प्रदेश में 1306 यात्रियों पर स्वास्थ्य विभाग नजर रख रहा है। इसमें से 394 को निगरानी से मुक्त भी कर दिया गया है। प्रदेश में अभी तीन यात्रियों की जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है।



नहीं था डॉक्टरों के पास एन-95 मास्क व पीपीई किट


सूत्रों का कहना है कि आपात विभाग में बैठेे डॉक्टरों के पास रविवार एन-95 मास्क और पीपीई किट नहीं थी। इसके चलते वह भयवश वार्ड से निकल गए थे। इन्हें सिंपल मास्क दिया गया था। वहीं अधिकारियों की मानें तो जब तक कोई मरीज सामने नहीं आता, तब तक एन-95 मास्क की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद संस्थान ने स्पेशल मास्क उपलब्ध करवा रखे हैं, इन्हें डॉक्टर व स्टाफ अपने नाम पर इशू करवा सकते हैं।

बोले अधिकारी
बुखार का मरीज आया था, इस दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और नर्स मौके से कुछ समय के लिए कहीं चले गए। सूचना मिलने पर सीनियर डॉक्टर से बात कर उन्हें मौके पर बुला लिया गया और जवाब मांगा गया है। मरीज को उपचार दे दिया गया है और आईसोलेशन में रखा गया है। हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग होने के बाद ही यात्री को आने दिया जा रहा है। इसलिए कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। सामान्य मास्क भी उपयोग में लाया जा सकता है। अभी जिले में कोरोना पॉजिटिव कोई मरीज सामने नहीं आया है।
- डॉ. रोहतास कंवर यादव, निदेशक, पीजीआईएमएस

बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। बाजार में बचाव किट उपलब्ध हो, इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को समय रहते तय करनी चाहिए। हमारे पास अभी समय है और खतरा आने से पहले बचाव की सभी तैयारियां कर लेनी चाहिए। तभी इस वायरस से लड़ पाना संभव होगा।
- पूजा मलिक, प्रिंसिपल, किड्ज पैराडाइज स्कूल

थ्री लेयर मास्क जोकि तीन रुपये में आता था, अब 30 का हो गया है। एन-95 मास्क तो उपलब्ध ही नहीं है। बाजार में किसी के पास मास्क नहीं हैं। स्थिति यह है कि सामान्य मास्क भी नहीं हैं। थ्री लेयर मास्क जब विक्रेता को महंगा मिलेगा तो आगे भी महंगा ही बिकेगा।
- गुलशन तनेजा, केमिस्ट

हर जगह से कोरोना वायरस की सूचना मिल रही है, सभी जागरूक कर रहे हैं कि बचाव करें। बाजार में सेफ्टी किट लेने जाओ तो सामान ही नहीं मिलता। सरकार को तय करना चाहिए कि खतरे की घंटी बजने से पहले मास्क, सेनेटाइजर जैसी चीजें उपलब्ध हों। क्योंकि सब्जियों की तरह जीवन रक्षक सामान अभी से महंगे हो गए हैं।
- नेहा, गृहणी


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